बाज़ार का असली खेल अब शुरू
फोर्ड ने हाल ही में एक ऐसा ऐलान किया है जिसने पूरी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में हलचल मचा दी है। कंपनी लगभग 30,000 पाउंड (यानी करीब 30 लाख रुपये) की कीमत वाली एक सस्ती इलेक्ट्रिक पिकअप ट्रक बनाने के लिए 2 अरब पाउंड का भारी भरकम निवेश कर रही है। अब आप कहेंगे कि इसमें क्या बड़ी बात है? बड़ी बात कीमत है। अब तक, इलेक्ट्रिक गाड़ियां अमीरों का खिलौना ज़्यादा और आम आदमी की सवारी कम रही हैं। टेस्ला ने यह तो साबित कर दिया कि टेक्नोलॉजी काम करती है, लेकिन ऐसी कीमतों पर जो हममें से ज़्यादातर लोगों की पहुँच से बाहर थीं।
मुझे लगता है कि फोर्ड का यह कदम सिर्फ एक नई गाड़ी लॉन्च करने जैसा नहीं है। यह इस बात का ऐलान है कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों का प्रीमियम दौर अब खत्म हो रहा है। जब फोर्ड जैसी कंपनी, जिसके पास सौ साल का मैन्युफैक्चरिंग अनुभव और एक मज़बूत सप्लाई चेन है, इतना बड़ा दांव लगाती है, तो वो कोई प्रयोग नहीं कर रही होती। वो बाज़ार में एक बुनियादी बदलाव की तैयारी कर रही है। यह वो पल हो सकता है जब इलेक्ट्रिक गाड़ियां कुछ लोगों के शौक से निकलकर लाखों लोगों की ज़रूरत बन जाएं।