इस लहर पर सवार होने वाली तीन कंपनियाँ
इस अंतरिक्ष की सोने की खदान में, समझदार निवेशक सिर्फ़ सोना खोजने वालों पर दांव नहीं लगाते, वे फावड़े और कुदाल बेचने वालों पर भी नज़र रखते हैं। यहाँ तीन कंपनियाँ हैं जो इस बदलाव से फ़ायदा उठाने की स्थिति में हो सकती हैं।
सबसे पहले तो खुद अमेज़ॅन (AMZN) है। यह कंपनी सिर्फ़ ऑनलाइन सामान नहीं बेचती। इसका अमेज़ॅन वेब सर्विसेज़ (AWS) पहले से ही मुनाफ़े का पहाड़ खड़ा कर चुका है, और प्रोजेक्ट कुइपर इसमें अरबों डॉलर का एक और अध्याय जोड़ सकता है। अमेज़ॅन ने यह साबित कर दिया है कि वह स्पेसएक्स की शुरुआती बढ़त को चुनौती देने के लिए पूरी तरह गंभीर है।
दूसरी कंपनी है रॉकेट लैब यूएसए (RKLB)। यह फावड़े और कुदाल बेचने वाली कंपनी का एक आदर्श उदाहरण है। जैसे-जैसे सैटेलाइट्स की संख्या बढ़ेगी, किसी को तो उन्हें लॉन्च करना होगा। रॉकेट लैब ने छोटे सैटेलाइट्स के लॉन्च में अपनी एक खास जगह बनाई है, जो बढ़ती मांग के लिए बिल्कुल सही है।
तीसरी है एल3हैरिस टेक्नोलॉजीज़ (LHX)। यह वह कंपनी है जो पर्दे के पीछे का ज़रूरी काम करती है। सैटेलाइट्स को जटिल संचार प्रणालियों, ग्राउंड स्टेशनों और सहायक उपकरणों की ज़रूरत होती है। एल3हैरिस इन्हीं तकनीकों में माहिर है, जो इसे इस इकोसिस्टम का एक अनिवार्य हिस्सा बनाती है।