सिर्फ़ गाड़ी नहीं, पूरी सप्लाई चेन पर नज़र डालें
जब फोर्ड का एक एफ-सीरीज़ ट्रक शोरूम से बाहर निकलता है, तो यह सिर्फ फोर्ड की जीत नहीं होती। ज़रा सोचिए, उस एक ट्रक को बनाने में सैकड़ों अलग-अलग पुर्जे लगते हैं, जो दर्जनों अलग-अलग कंपनियों से आते हैं। जब ट्रकों की बिक्री 10% बढ़ती है, तो इसका असर एक लहर की तरह पूरी सप्लाई चेन पर पड़ता है। इंजन बनाने वालों से लेकर टायर और सीट बनाने वालों तक, हर किसी की चांदी होती है।
यहीं पर एक समझदार निवेशक के लिए अवसर छिपा है। आप सिर्फ गाड़ी बनाने वाली कंपनी पर दांव क्यों लगाएं, जब आप उस पूरे इकोसिस्टम में निवेश कर सकते हैं जो उसे चलाता है? जनरल मोटर्स (जीएम) को ही देख लीजिए। उनके पास भी शेवरले सिल्वरैडो और जीएमसी सिएरा जैसे दमदार ट्रकों की एक बड़ी रेंज है। वे भी इसी ट्रेंड का फायदा उठा रहे हैं।
लेकिन कहानी सिर्फ बड़ी कंपनियों तक सीमित नहीं है। डॉर्मन प्रोडक्ट्स जैसी कंपनियां हैं जो गाड़ियों के पुर्जे बनाती हैं। जब ज़्यादा गाड़ियां बिकती हैं, तो डॉर्मन जैसी कंपनियों को न केवल शुरुआती मैन्युफैक्चरिंग से फायदा होता है, बल्कि बाद में रिपेयर और मेंटेनेंस के बाज़ार से भी उनकी कमाई होती है। इसी तरह, सुपीरियर इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियां हैं जो पहियों जैसे ज़रूरी हिस्से बनाती हैं। उनकी किस्मत सीधे तौर पर बड़े वाहनों की लोकप्रियता से जुड़ी हुई है।