When Inflation Refuses to Budge: The Companies That Thrive

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Aimee Silverwood | वित्तीय विश्लेषक

प्रकाशित: अगस्त 1, 2025

सारांश

  • लगातार मुद्रास्फीति में, मूल्य निर्धारण शक्ति वाली कंपनियाँ बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं।
  • मूल्य निर्धारण शक्ति कंपनियों को ग्राहकों पर लागत डालने और मार्जिन बनाए रखने की अनुमति देती है।
  • कम कर्ज वाली कंपनियाँ उच्च ब्याज दरों के माहौल में अधिक लचीली होती हैं।
  • मुद्रास्फीति की दुनिया में मूल्य निर्धारण शक्ति में निवेश करना एक रणनीतिक अवसर हो सकता है।

महंगाई की मार में भी कुछ कंपनियाँ क्यों मुस्कुरा रही हैं?

जब महंगाई टस से मस न हो

मुझे लगता है कि हम सब इस बात से सहमत होंगे कि महंगाई अब एक ज़िद्दी मेहमान की तरह हो गई है, जो जाने का नाम ही नहीं ले रही. पहले अर्थशास्त्रियों को लगा था कि यह कुछ महीनों की बात है, लेकिन अब यह साफ हो गया है कि मामला थोड़ा लंबा चलेगा. बड़े बड़े सेंट्रल बैंक के गवर्नर भी अब माथा पकड़ कर बैठे हैं, क्योंकि उनकी सारी तरकीबें फिलहाल धीमी गति से काम कर रही हैं.

यह कोई मामूली बात नहीं है. यह एक ऐसा माहौल बना रहा है जहाँ कंपनियों की असली परीक्षा हो रही है. जब लागत बढ़ती है और ब्याज दरें आसमान छूती हैं, तो कॉरपोरेट जगत में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाता है. कुछ कंपनियाँ इस तूफान में बिखर जाती हैं, जबकि कुछ और मज़बूत होकर निकलती हैं. सवाल यह है कि एक निवेशक के तौर पर आप इन मज़बूत कंपनियों को कैसे पहचानें.

दाम बढ़ाने की कला

ज़रा सोचिए, जब किसी कंपनी के कच्चे माल का भाव बढ़ता है तो उसके पास दो रास्ते होते हैं. या तो वह अपना मुनाफा कम कर ले, या फिर बढ़ी हुई लागत का बोझ ग्राहकों पर डाल दे. ज़्यादातर कंपनियाँ दूसरा रास्ता चुनने से डरती हैं, उन्हें लगता है कि ग्राहक कहीं और चला जाएगा. लेकिन कुछ कंपनियाँ ऐसी भी हैं जिन्हें इस बात का डर नहीं होता. इसी को कहते हैं प्राइसिंग पावर.

पेप्सिको इसका एक शानदार उदाहरण है. जब आलू, चीनी या ट्रांसपोर्ट का खर्चा बढ़ता है, तो वे अपने चिप्स और कोल्ड ड्रिंक का दाम चुपचाप बढ़ा देते हैं. और हम और आप क्या करते हैं. हम थोड़ा बड़बड़ाते हैं, लेकिन खरीदते फिर भी वही हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि इन कंपनियों ने सालों लगाकर अपने ब्रांड को हमारे जीवन का हिस्सा बना दिया है. यह कोई जादू नहीं, बल्कि दशकों की मेहनत और मार्केटिंग का नतीजा है. इसी तरह, सीपीआई कार्ड ग्रुप जैसी कंपनियाँ जो पेमेंट कार्ड बनाती हैं, वे भी अपनी सेवाओं के दाम बढ़ा सकती हैं क्योंकि बैंक और वित्तीय संस्थान उन पर निर्भर हैं.

कम कर्ज़, कम सरदर्द

महंगाई के साथ एक और मुसीबत आती है, और वो है ऊंची ब्याज दरें. जिन कंपनियों ने अपनी बैलेंस शीट पर भारी कर्ज़ का बोझ लाद रखा है, उनके लिए यह समय बहुत मुश्किल होता है. उनकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा तो सिर्फ ब्याज चुकाने में ही चला जाता है. ऐसे में वे नई योजनाओं या विस्तार के बारे में सोच भी नहीं पातीं.

दूसरी तरफ, एनर्जाइज़र होल्डिंग्स जैसी कंपनियाँ हैं, जिनके ऊपर कर्ज़ का बोझ काफी कम है. उन्हें ब्याज की ज़्यादा चिंता नहीं होती, इसलिए वे इस मुश्किल समय में भी अपने प्रतिस्पर्धियों से बाज़ार हिस्सेदारी छीन सकती हैं. मेरे अनुसार, कम कर्ज़ वाली कंपनी उस धावक की तरह है जो बिना किसी बोझ के दौड़ रहा है, जबकि ज़्यादा कर्ज़ वाली कंपनी के कंधे पर भारी बस्ता लदा हुआ है. ज़ाहिर है, हल्का धावक ही रेस में आगे निकलेगा.

निवेशकों के लिए क्या है सबक?

तो इस पूरी कहानी का सार क्या है. सार यह है कि मुश्किल आर्थिक समय में घबराकर भागने की ज़रूरत नहीं है, बल्कि स्मार्ट तरीके से सोचने की ज़रूरत है. यह उन कंपनियों को खोजने का समय है जो इन दोहरी चुनौतियों, यानी महंगाई और ऊंची ब्याज दरों, का सामना करने के लिए बनी हैं. ऐसी कंपनियाँ जो अपनी लागत ग्राहकों पर डाल सकती हैं और जिनकी बैलेंस शीट पर कर्ज़ का बोझ कम है, वे इस माहौल में न केवल टिकी रह सकती हैं, बल्कि आगे भी बढ़ सकती हैं.

यह कोई छिपी हुई बात नहीं है, बल्कि एक सीधी-सादी निवेश की सोच है. कुछ जानकार इसे ही Pricing Power In An Inflationary World का नाम देते हैं, यानी ऐसी कंपनियाँ जो महंगाई के दौर में भी अपना दबदबा बनाए रखती हैं. यह पहचानना कि कौन सी कंपनियाँ इस श्रेणी में आती हैं, एक सफल निवेशक की निशानी हो सकती है. यह उन व्यवसायों पर ध्यान केंद्रित करने के बारे में है जो खराब मौसम के लिए पहले से ही तैयार हैं. हो सकता है कि वे दूसरों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करें जब अर्थव्यवस्था संघर्ष कर रही हो.

गहन विश्लेषण

बाज़ार और अवसर

  • मौजूदा आर्थिक माहौल में मुद्रास्फीति लगातार बनी हुई है, जिससे उन कंपनियों के लिए एक अवसर पैदा हो रहा है जो अपनी कीमतें बढ़ा सकती हैं।
  • नेमो के शोध के अनुसार, जिन कंपनियों में मूल्य निर्धारण की शक्ति (प्राइसिंग पावर) होती है, वे बढ़ती लागत के दौरान भी अपने मुनाफे को बनाए रख सकती हैं।
  • उच्च ब्याज दरों के दौर में कम कर्ज वाली कंपनियाँ वित्तीय रूप से अधिक स्थिर होती हैं, जो उन्हें एक रणनीतिक लाभ देता है।
  • यह स्थिति उन निवेशकों के लिए एक अवसर प्रस्तुत करती है जो ऐसे स्थायी व्यवसायों की तलाश में हैं जो आर्थिक दबावों का सामना कर सकते हैं। नेमो जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर, जो एडीजीएम (ADGM) द्वारा विनियमित है, आप ऐसे मुद्रास्फीति-रोधी निवेश के अवसरों का पता लगा सकते हैं।

प्रमुख कंपनियाँ

  • पेप्सिको, इंक. (PEP): यह कंपनी मूल्य निर्धारण शक्ति का एक प्रमुख उदाहरण है। यह अपने पेय और स्नैक्स की बढ़ती लागत को सीधे उपभोक्ताओं पर डाल देती है, क्योंकि इसके मजबूत ब्रांड के प्रति ग्राहकों की वफादारी अधिक है।
  • सीपीआई कार्ड ग्रुप इंक. (PMTS): यह कंपनी भुगतान कार्ड उत्पादन जैसी आवश्यक वित्तीय सेवाएँ प्रदान करती है। यह अपने ग्राहकों पर निर्भरता के कारण बढ़ती लागतों को समायोजित करने के लिए उच्च शुल्क पर बातचीत कर सकती है।
  • एनर्जाइज़र होल्डिंग्स इंक. (ENR): बैटरी निर्माता इस कंपनी पर कर्ज का बोझ अपेक्षाकृत कम है। यह वित्तीय लचीलापन इसे उच्च ब्याज दरों के माहौल में प्रतिस्पर्धियों से बेहतर प्रदर्शन करने और विकास के अवसरों में निवेश करने की अनुमति देता है।

नेमो पर इन कंपनियों के बारे में विस्तृत जानकारी और एआई-संचालित विश्लेषण (AI-powered analysis) उपलब्ध है, जहाँ निवेशक कम पैसों में भी आंशिक शेयरों (fractional shares) के माध्यम से निवेश शुरू कर सकते हैं।

पूरी बास्केट देखें:Pricing Power In An Inflationary World

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मुख्य जोखिम कारक

  • जिन कंपनियों के पास मूल्य निर्धारण की शक्ति नहीं है, उन्हें बढ़ती लागत के कारण अपने लाभ मार्जिन में कमी का सामना करना पड़ सकता है।
  • अधिक कर्ज वाली कंपनियाँ उच्च ब्याज दरों के कारण गंभीर वित्तीय दबाव में आ सकती हैं, जिससे उनकी वृद्धि की क्षमता सीमित हो सकती है।
  • आर्थिक मंदी के दौरान उपभोक्ता गैर-जरूरी वस्तुओं पर खर्च कम कर सकते हैं, जिससे कुछ कंपनियों की बिक्री प्रभावित हो सकती है।

विकास उत्प्रेरक

  • ग्राहकों को खोए बिना कीमतें बढ़ाने की क्षमता, जिसे मूल्य निर्धारण शक्ति कहा जाता है, इन कंपनियों के लिए एक प्रमुख विकास चालक है।
  • एक मजबूत बैलेंस शीट और कम कर्ज कंपनियों को आर्थिक अनिश्चितता के समय में स्थिरता प्रदान करता है और उन्हें प्रतिस्पर्धियों से बाज़ार हिस्सेदारी हासिल करने में मदद कर सकता है।
  • नेमो का मानना है कि ये कंपनियाँ मुद्रास्फीति के दौर से और भी मज़बूत होकर उभर सकती हैं, क्योंकि कमज़ोर प्रतिस्पर्धी पीछे रह जाते हैं।
  • नेमो जैसे कमीशन-मुक्त ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से इन अवसरों तक पहुँचना शुरुआती निवेशकों के लिए भी आसान हो गया है, जिससे वे अपना पोर्टफोलियो विविधीकरण (diversification) कर सकते हैं।

सभी निवेशों में जोखिम होता है और आप पैसे खो सकते हैं।

हाल की जानकारी

इस अवसर में निवेश कैसे करें

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

यह लेख केवल विपणन सामग्री है और इसे निवेश सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। इस लेख में दी गई कोई भी जानकारी किसी वित्तीय उत्पाद को खरीदने या बेचने के लिए सलाह, सिफारिश, प्रस्ताव या अनुरोध नहीं है, और न ही यह वित्तीय, निवेश या ट्रेडिंग सलाह है। किसी भी विशेष वित्तीय उत्पाद या निवेश रणनीति का उल्लेख केवल उदाहरण या शैक्षणिक उद्देश्य से किया गया है और यह बिना पूर्व सूचना के बदल सकता है। किसी भी संभावित निवेश का मूल्यांकन करना, अपनी वित्तीय स्थिति को समझना और स्वतंत्र पेशेवर सलाह लेना निवेशक की जिम्मेदारी है। पिछले प्रदर्शन से भविष्य के नतीजों की गारंटी नहीं मिलती। कृपया हमारे जोखिम प्रकटीकरण.

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