- लगातार मुद्रास्फीति के कारण ब्याज दरें ऊंची रह सकती हैं, जिससे निवेश का माहौल बदल रहा है।
- मूल्य निर्धारण शक्ति वाली कंपनियाँ, जैसे पेप्सिको, बढ़ती लागतों के बीच भी मुनाफा बनाए रख सकती हैं।
- प्राइसस्मार्ट और इंग्रेडियन जैसे शेयर लगातार मुद्रास्फीति के दौरान रक्षात्मक निवेश के अवसर प्रदान करते हैं।
- निवेशकों को उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो मूल्य बढ़ा सकते हैं और परिचालन दक्षता बनाए रख सकते हैं।
महंगाई जब टस से मस न हो: कौन सी कंपनियाँ कमाती हैं?
मुझे लगता है महंगाई ने भी कसम खा ली है कि वो बाज़ार के बड़े बड़े पंडितों और केंद्रीय बैंकों की एक नहीं सुनेगी। हर कोई उम्मीद लगाए बैठा था कि अब तक तो कीमतें काबू में आ जाएँगी, और फेडरल रिज़र्व ब्याज दरें घटाना शुरू कर देगा। लेकिन सच कहूँ, तो असलियत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। यह उन जिद्दी मेहमानों की तरह है जो जाने का नाम ही नहीं ले रहे, और अब हमें इनके साथ ही जीने का तरीका सीखना होगा।
यह स्थिति ज़्यादातर कारोबारों के लिए सिरदर्द है। जब कच्चा माल महंगा होता है और कर्ज़ की दरें आसमान छू रही होती हैं, तो मुनाफा कमाना मुश्किल हो जाता है। लेकिन हर कंपनी इस खेल में बराबर की खिलाड़ी नहीं होती। कुछ कंपनियाँ ऐसी भी हैं जिन्हें इस माहौल से खास फर्क नहीं पड़ता, बल्कि शायद वो इसमें और मज़बूत होकर उभरती हैं।